What Does Shiv chaisa Mean?
What Does Shiv chaisa Mean?
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शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
Additionally it is helpful for college kids, and children. The neatest thing is that it does not have to have elaborate preparations and just demands your devotion and of course jiffy of time. Having said that, a single should regularly chant Shiva Chalisa with utmost devotion to obtain the blessings of Lord Shiva.
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥ ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
O Superb Lord, consort of Parvati That you are most merciful . You always bless the very poor and pious devotees. Your gorgeous sort is adorned Using the moon with your forehead and on your own ears are earrings of snakes' hood.
अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।
अर्थ: हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब हुए। इतना ही नहीं जब श्री राम मां शक्ति की पूजा कर रहे थे और सेवा में कमल अर्पण कर रहे थे, तो आपके ईशारे पर ही देवी ने उनकी परीक्षा लेते हुए एक कमल को छुपा लिया। अपनी पूजा shiv chalisa lyricsl को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
Young ones suffering from health issues ought to be designed to both recite or listen to Shiva Chalisa. Mother and father may recite the Chalisa on their own boy or girl’s behalf. Having said that, they need to pronounce the kid’s full name, rasi (moon signal), shiv chalisa lyricsl and Nakshatra ahead of the Shiva Chalisa.
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
सहस कमल में हो रहे धारी। Shiv chaisa कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी